देर से ही सही पर ब्लॉग पर आ गई हू . वेसे विचार और कला अपने विस्तार के लिए तकनीक पर निर्भर होती हें इसीलिए वैश्विक स्तर पर विचारो के आदान प्रदान के लिए ये बेहतरीन माध्यम के रूप में ब्लॉग जगत में आकर भीतर से समर्थ महसूस कर रही हू . आते ही जिस तरह से तुरंत स्वागत की प्रतिक्रिया मिली उससे बहुत उत्साहित भी हू.
अपने ब्लॉग का नाम भूभल रखा है . भूभल याने चिनगारियो से युक्त गर्म राख. हर रचनाकार के भीतर एसी ही आग होती है . जो विरोधाभासो पर जब प्रतिक्रिया करती है तो रचना का जन्म होता है. और भूभल मेरे ताजातरीन प्रकाशित उपन्यास का भी नाम है.
अपने ब्लॉग का नाम भूभल रखा है . भूभल याने चिनगारियो से युक्त गर्म राख. हर रचनाकार के भीतर एसी ही आग होती है . जो विरोधाभासो पर जब प्रतिक्रिया करती है तो रचना का जन्म होता है. और भूभल मेरे ताजातरीन प्रकाशित उपन्यास का भी नाम है.
swagatam....
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक स्वागत है ..
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका ..
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